वीजा समस्या के कारण भारतीय डॉक्टरों को बुल्गारिया छोड़ना होगा
बुल्गारिया के पर्निक शहर के एक अस्पताल में काम कर रहे दो भारतीय डॉक्टरों को जरूरी वर्क वीजा न होने के कारण देश छोड़ना पड़ेगा।
राहिला एंजेलोवा मल्टी-प्रोफाइल हॉस्पिटल फॉर एक्टिव ट्रीटमेंट, पर्निक के निदेशक एमिल नेनकोव ने इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ये दोनों भारतीय नागरिक वर्क वीजा के बिना काम कर रहे थे, जो कि शेंगेन क्षेत्र में विदेशी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
बुल्गारियाई प्रवासन अधिकारियों की जांच में पता चला कि इन डॉक्टरों ने वर्क वीजा के बजाय स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन किया था। दोनों डॉक्टरों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी, प्लेवन से पढ़ाई की थी और अब उन्हें मार्च के अंत तक स्वेच्छा से बुल्गारिया छोड़ना होगा। हालांकि, नेनकोव ने कहा कि अस्पताल उनकी वापसी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कदम उठा रहा है ताकि वे कानूनी रूप से वहां काम कर सकें।
यूरोपीय संघ में भारतीय मेडिकल प्रोफेशनल्स की बढ़ती मांग
यूरोपीय संघ (EU) में भारतीय डॉक्टरों और अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। फ्रांस, फिनलैंड, इटली, जर्मनी और आयरलैंड जैसे देश बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों और कर्मचारियों को आमंत्रित कर रहे हैं।
ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे पारंपरिक गंतव्यों द्वारा कड़ी आव्रजन नीतियां अपनाने के कारण, भारतीय प्रोफेशनल्स अब यूरोपीय देशों की ओर रुख कर रहे हैं। यूरोप में स्वास्थ्य सेवा और आईटी सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां खाली पड़ी हैं, जिसे पूरा करने के लिए भारतीय कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ रही है।
जर्मनी में भारतीय कुशल श्रमिकों की मांग
जर्मनी अगले कुछ वर्षों में 90,000 भारतीय कुशल श्रमिकों को वीजा जारी करने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान 20,000 की तुलना में चार गुना अधिक है।
आईटी, नर्सिंग और केयरगिविंग जैसे सेक्टर्स में भारी श्रमिक संकट के कारण जर्मनी अपनी वीजा प्रक्रियाओं को तेज और सरल बना रहा है। अब वीजा प्रक्रिया नौ महीने के बजाय केवल दो सप्ताह में पूरी हो सकती है। इसके अलावा, भाषा आवश्यकताओं में ढील, वेतन की न्यूनतम सीमा में कमी और शैक्षिक योग्यता को सरल बनाकर अधिक से अधिक भारतीय प्रोफेशनल्स को आकर्षित किया जा रहा है। वर्तमान में, जर्मनी में 5,70,000 से अधिक नौकरियां खाली हैं।
बुल्गारिया में वर्क परमिट की स्थिति
पिछले साल, बुल्गारिया ने 36,000 से अधिक विदेशी नागरिकों को वर्क परमिट जारी किए। हालांकि, भारतीय डॉक्टरों का यह मामला यह दर्शाता है कि वीजा नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
मुख्य बातें
- दो भारतीय डॉक्टरों को बुल्गारिया छोड़ना होगा क्योंकि उनके पास वर्क वीजा नहीं है।
- यूरोपीय संघ भारतीय प्रोफेशनल्स की मदद से श्रमिक संकट को हल करने की कोशिश कर रहा है, खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में।
- जर्मनी भारतीय कुशल श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए वीजा नीतियों को आसान बना रहा है।
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