फिनलैंड वर्क परमिट ट्रेंड्स 2025
फिनलैंड में हाल के वर्षों में वर्क परमिट आवेदन में कमी आई है, जिससे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को लेकर चिंता बढ़ रही है। देश ने 2024 में लगभग 11,000 वर्क परमिट जारी किए, जो 2023 की तुलना में 4,000 कम और 2022 की तुलना में 5,000 कम हैं।
कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित हुए हैं?
सोशल और हेल्थकेयर सेक्टर पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। 2024 की आखिरी तिमाही में केवल 17 निवास परमिट हेल्थकेयर वर्कर्स को दिए गए, जबकि 2023 की इसी अवधि में 598 परमिट जारी किए गए थे।
आईटी विशेषज्ञों की मांग बनी हुई है
हालांकि कुल मिलाकर वर्क परमिट में गिरावट आई है, लेकिन आईटी विशेषज्ञों को अभी भी सबसे अधिक वर्क परमिट मिल रहे हैं। फिर भी, बीते दो वर्षों में आईटी सेक्टर में भी कमी आई है, जिसका एक कारण टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ना है।
फिनलैंड की अर्थव्यवस्था में प्रवासियों की भूमिका
प्रवासियों का योगदान फिनलैंड की आर्थिक वृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। शोध से पता चला है कि विदेशी कामगार कंपनियों के विस्तार और निर्यात प्रदर्शन में मदद करते हैं। हालांकि, फिनलैंड की नई सख्त इमिग्रेशन नीतियां वर्क परमिट या निवास के इच्छुक लोगों को हतोत्साहित कर सकती हैं।
नए सुधारों का प्रस्ताव
ट्रेड यूनियन कॉन्फेडरेशन अकावा ने इमिग्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव दिया है। अकावा का मानना है कि फिनलैंड की यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई पूरी करने वाले विदेशी छात्रों को स्थायी निवास परमिट मिलना चाहिए। साथ ही, भाषा और इंटीग्रेशन ट्रेनिंग को बेहतर बनाने की जरूरत है, ताकि कुशल श्रमिकों को बसने के लिए अनुकूल माहौल मिल सके।
निष्कर्ष
वर्क परमिट में गिरावट से फिनलैंड के श्रम बाजार को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अगर सरकार सहायक इमिग्रेशन नीतियां अपनाती है, तो यह अधिक कुशल श्रमिकों को आकर्षित कर सकती है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकती है।
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